इटली कला, संस्कृति और शिक्षा की दृष्टि से यूरोप का अग्रणीय देश है। 6 से 16 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान वाले इस देश की साक्षरता दर 99 प्रतिशत के करीब है। शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों ने इसकी शक्षिक गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार किया है जिसके कारण यहां आने वाले विदेशी विद्यार्थियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
बदलाव का वर्ष
इटली ने अपने विश्वविद्यालयों में दी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए सन 1999 में एक नई प्रणाली को अपनाया था। इसके पहले वहां के विश्वविद्यालयों में पंचवर्षीय शिक्षण व्यवस्था लागू थी, जिसे तीन वर्षीय बैचलर डिग्री एवं दो वर्षीय मास्टर्स डिग्री में विभाजित कर दिया गया। इस नए बदलाव ने वहां उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की संख्या को बढाने का काम किया है। हालांकि अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें पूरे पांच साल की पढाई ही करनी होती है। इसी दौर में अध्ययन प्रबंध तंत्र को कुशल बनाने के लिए पहले से स्थापित दो संस्थानों को बदलकर उनकी जगह एक नई मिनिस्ट्री ऑफ एजूकेशन यूनीवर्सिटीज एंड रिसर्च की भी स्थापना की गई थी।
बोलोन्ये प्रणाली
आदिकाल से इटली ने हमेशा दुनिया को कुछ दिया है। यह उन चार देशों में शामिल है जिन्होंने यूरोप की उच्च शिक्षा को नया रूप देने का काम किया है। बोलोन्ये प्रॉसेस के नाम से किए गए शक्षिक सुधार भी कहीं न कहीं इसी की देन हैं। गौरतलब है कि यूरोप में शक्षिक मानकों और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की संरचना के लिए 29 देशों ने इटली के बोलोन्ये शहर में इस शक्षिक सुधार कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए थे। आज यह शिक्षा प्रणाली यूरोप के लगभग सभी देशों में लागू है।
शिक्षा और अध्यापन
इटली के विश्वविद्यालयों में मुख्यत: मौखिक परीक्षाएं होती हैं, लेकिन कुछ कोर्सो में मौखिक परीक्षा के पूर्व लिखित परीक्षा भी ली जाती है। वहां परीक्षा की तारीख काफी पहले घोषित कर दी जाती है और विद्यार्थियों को इस बात की भी छूट है कि यदि उनके परीक्षा में कम अंक हैं तो वे दोबारा इसमें शामिल होकर अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
साइंस एजूकेशन
वैसे तो इटली में किसी भी विषय की शिक्षा ले सकते हैं लेकिन वहां की साइंस एजूकेशन की बात ही अलग है। विदेशी छात्रों का एक बडा वर्ग विज्ञान विषय का ही चयन करता है। सन 2005 में वहां का शिक्षा बजट तकरीबन 66 बिलियन यूरो था, जिसका एक बडा हिस्सा साइंस पर ही खर्च किया गया था।
स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम
इटली के विश्वविद्यालयों में विदेशी विद्यार्थियों में से अधिकांश विभिन्न एक्सचेंज कार्यक्रमों के अंतर्गत अध्ययन के लिए आते हैं। इन कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित संचालित करने के लिए अधिकतर विश्वविद्यालयों में एक अधिकारी होता है। इटली विभिन्न देशों के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को और आगे बढाना चाहता है।
ग्रुप स्टडी
इटली में उच्च शिक्षा बडे लेक्चर हॉलों में दी जाती है। ग्रुप स्टडी वहां के छात्रों के अध्ययन का प्रमुख आधार है। विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र 10-12 के समूह में अपनी विषयगत तैयारी करते देखे जा सकते हैं। वहां के छात्रों का यह गुण अध्ययन के लिए जाने वाले विदेशी विद्यार्थी भी आसानी से अपना लेते हैं।
नई भाषा का लाभ
इटैलियन वहां की आधिकारिक भाषा है और वहां के निवासी इसी में बातचीत करते हैं। हालांकि अंग्रेजी भाषियों को वहां कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन अगर इटैलियन भाषा के शार्टटर्म कोर्स कर लिए जाएं तो अच्छा रहता है। वहां पढ चुृके विदेशी विद्यार्थी इस बात की सलाह देते हैं।
शोधकार्य और प्लेसमेंट
वहां के संस्थानों में प्रैक्टिकल वर्क के लिए हर संभव मदद दी जाती है। यही कारण है कि उन विषयों में छात्रों की संख्या अधिक है जिनमें शोध आवश्यक है। फिजिक्स और बायो के क्षेत्र में रिसर्च कार्यो को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विकसित देश होने के नाते वहां रोजगार के असीम अवसर हैं।
रहना और खर्च
इटली में अध्ययन, खाने, रहने, परिवहन आदि में आने वाला खर्च समकक्ष यूरोपीय देशों की तरह है। वहां के विश्वविद्यालयों का प्रयास रहता है कि वे विदेशी विद्यार्थियों को मुनासिब दाम पर रहने का स्थान उपलब्ध कराएं। वहां के कईविश्वविद्यालयों में हॉस्टल सुविधा है, जिसमें विदेशी विद्यार्थियों को आसानी से प्रवेश मिल जाता है।
वीजा और वर्क परमिट
शिक्षा के लिए इटली जाने वाले विद्यार्थियों को वीजा के लिए किसी खास परेशानी का सामना नहीं करना पडता है। यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के छात्रों को बेहद आसानी से वहां आकर रुकने की अनुमति मिल जाती है। गैर यूरोपीय देश के छात्रों को स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करना पडता है। वर्क परमिट के मामले में भी यूरोपीय यूनियन के छात्रों को कई सहूलियतें मिलती हैं।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
university of aosta valley
university of bergamo
university of catania
university of messina
university of perugia
university of rome tor vergata¢
बदलाव का वर्ष
इटली ने अपने विश्वविद्यालयों में दी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए सन 1999 में एक नई प्रणाली को अपनाया था। इसके पहले वहां के विश्वविद्यालयों में पंचवर्षीय शिक्षण व्यवस्था लागू थी, जिसे तीन वर्षीय बैचलर डिग्री एवं दो वर्षीय मास्टर्स डिग्री में विभाजित कर दिया गया। इस नए बदलाव ने वहां उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की संख्या को बढाने का काम किया है। हालांकि अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें पूरे पांच साल की पढाई ही करनी होती है। इसी दौर में अध्ययन प्रबंध तंत्र को कुशल बनाने के लिए पहले से स्थापित दो संस्थानों को बदलकर उनकी जगह एक नई मिनिस्ट्री ऑफ एजूकेशन यूनीवर्सिटीज एंड रिसर्च की भी स्थापना की गई थी।
बोलोन्ये प्रणाली
आदिकाल से इटली ने हमेशा दुनिया को कुछ दिया है। यह उन चार देशों में शामिल है जिन्होंने यूरोप की उच्च शिक्षा को नया रूप देने का काम किया है। बोलोन्ये प्रॉसेस के नाम से किए गए शक्षिक सुधार भी कहीं न कहीं इसी की देन हैं। गौरतलब है कि यूरोप में शक्षिक मानकों और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की संरचना के लिए 29 देशों ने इटली के बोलोन्ये शहर में इस शक्षिक सुधार कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए थे। आज यह शिक्षा प्रणाली यूरोप के लगभग सभी देशों में लागू है।
शिक्षा और अध्यापन
इटली के विश्वविद्यालयों में मुख्यत: मौखिक परीक्षाएं होती हैं, लेकिन कुछ कोर्सो में मौखिक परीक्षा के पूर्व लिखित परीक्षा भी ली जाती है। वहां परीक्षा की तारीख काफी पहले घोषित कर दी जाती है और विद्यार्थियों को इस बात की भी छूट है कि यदि उनके परीक्षा में कम अंक हैं तो वे दोबारा इसमें शामिल होकर अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
साइंस एजूकेशन
वैसे तो इटली में किसी भी विषय की शिक्षा ले सकते हैं लेकिन वहां की साइंस एजूकेशन की बात ही अलग है। विदेशी छात्रों का एक बडा वर्ग विज्ञान विषय का ही चयन करता है। सन 2005 में वहां का शिक्षा बजट तकरीबन 66 बिलियन यूरो था, जिसका एक बडा हिस्सा साइंस पर ही खर्च किया गया था।
स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम
इटली के विश्वविद्यालयों में विदेशी विद्यार्थियों में से अधिकांश विभिन्न एक्सचेंज कार्यक्रमों के अंतर्गत अध्ययन के लिए आते हैं। इन कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित संचालित करने के लिए अधिकतर विश्वविद्यालयों में एक अधिकारी होता है। इटली विभिन्न देशों के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को और आगे बढाना चाहता है।
ग्रुप स्टडी
इटली में उच्च शिक्षा बडे लेक्चर हॉलों में दी जाती है। ग्रुप स्टडी वहां के छात्रों के अध्ययन का प्रमुख आधार है। विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र 10-12 के समूह में अपनी विषयगत तैयारी करते देखे जा सकते हैं। वहां के छात्रों का यह गुण अध्ययन के लिए जाने वाले विदेशी विद्यार्थी भी आसानी से अपना लेते हैं।
नई भाषा का लाभ
इटैलियन वहां की आधिकारिक भाषा है और वहां के निवासी इसी में बातचीत करते हैं। हालांकि अंग्रेजी भाषियों को वहां कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन अगर इटैलियन भाषा के शार्टटर्म कोर्स कर लिए जाएं तो अच्छा रहता है। वहां पढ चुृके विदेशी विद्यार्थी इस बात की सलाह देते हैं।
शोधकार्य और प्लेसमेंट
वहां के संस्थानों में प्रैक्टिकल वर्क के लिए हर संभव मदद दी जाती है। यही कारण है कि उन विषयों में छात्रों की संख्या अधिक है जिनमें शोध आवश्यक है। फिजिक्स और बायो के क्षेत्र में रिसर्च कार्यो को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विकसित देश होने के नाते वहां रोजगार के असीम अवसर हैं।
रहना और खर्च
इटली में अध्ययन, खाने, रहने, परिवहन आदि में आने वाला खर्च समकक्ष यूरोपीय देशों की तरह है। वहां के विश्वविद्यालयों का प्रयास रहता है कि वे विदेशी विद्यार्थियों को मुनासिब दाम पर रहने का स्थान उपलब्ध कराएं। वहां के कईविश्वविद्यालयों में हॉस्टल सुविधा है, जिसमें विदेशी विद्यार्थियों को आसानी से प्रवेश मिल जाता है।
वीजा और वर्क परमिट
शिक्षा के लिए इटली जाने वाले विद्यार्थियों को वीजा के लिए किसी खास परेशानी का सामना नहीं करना पडता है। यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के छात्रों को बेहद आसानी से वहां आकर रुकने की अनुमति मिल जाती है। गैर यूरोपीय देश के छात्रों को स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करना पडता है। वर्क परमिट के मामले में भी यूरोपीय यूनियन के छात्रों को कई सहूलियतें मिलती हैं।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
university of aosta valley
university of bergamo
university of catania
university of messina
university of perugia
university of rome tor vergata¢